अजब-गजब जल संकट; पानी के संकट के कारण ,यहाँ के लड़कों कि नहीं हो पाती शादीयाँ।जानिए पूरा डीटेल में,

जल संकट

अजब-गजब जल संकट; पानी के संकट के कारण ,यहाँ के लड़कों कि नहीं हो पाती शादीयाँ,

मिली ख़बरों के मुताबिक़ हम बता दें कि यह ताजा तस्वीरें एमपी के दमोह जिले के तेंदूखेड़ा ब्लॉक की इमलीडोल ग्राम पंचायत के जरुआ गांव की हैं।जिस गाव की कुल आबादी करीब 1200 के आस पास है।हम बता दें कि इस गाव के लोग गर्मी के शुरुआती दौर से ही पेयजल संकट से जूझने लगते हैं।

मिली मीडिया रिर्पोट में अनुसार इस पेयजल की समस्या से देश के कई गांव जूझ रहे हैं। ऐसे में अभी भी एक गांव हैं, जहां आजादी के बाद भी आजतक पानी की व्यवस्था नहीं हो सका है।लेकिन क्या कभी आपने सुना है हम आपको बता देते दें कि पेयजल की समस्या की वजह से ही उस गांव के लड़के कुंवारे रह जा रहे हैं। जी हां, बिलकुल सही सुना आपने ,मैं बता दूँ की एमपी के दमोह के एक गांव में हालात कुछ ऐसे ही हैं।यहां पेयजल समस्या इतनी भयानक ख़राब है कि दूसरे गांव के लोग इस गांव में अपनी बेटियों की शादी नहीं करते है ।

यह ताजा तस्वीरें हम बता दें कि एमपी के दमोह जिले के तेंदूखेड़ा ब्लॉक की इमलीडोल ग्राम पंचायत के जरुआ गांव की हैं।यहां की कुल आबादी लग भग 1200 ही है,मिली जानकारी के अनुसार यहां लोग गर्मी के शुरुआती दौर से ही पेय जल संकट का सामना करने लगते हैं।ख़बरों के मुताबिक ग्रामीणों को करीब एक किलोमीटर का लंबा रास्ता तय कर के पानी लाना पड़ता है।उन लोगो को पानी लाने के लिए नाले में बने एक कुंड तक पैदल जाना पड़ता है।उसी पानी से ग्रामीणों और पालतू मवेशियों की प्यास बुझानी पड़ती है।

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यहां का दिन पर दिन बढ़ता ही जा रहा है संकट !
मिली मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जरुआ गांव के शिवप्रसाद आदिवासी ने मीडिया को बताया कि उनके घर में बेटी की शादी है।इस बीच पकवान बनाने के लिए ज्यादा मात्रा में पानी की जरूरत पड़ती ही है।तो मैंने किराये से टैंकर मंगा कर, जिसको लेकर इस कुंड में आया हूं।जिसमे पानी भर कर ले जायेंगे तो इस पानी से प्रोग्राम के पकवान बनेंगे ,और आये हुए मेहमान पी पायेंगे।आगे हल्ले यादव ने बताया कि इस गांव में बीते करीब 15 से 18 सालों में जल संकट की समस्या से जूझ रहे है।लेकिन हालत सुधरने के बदले दिन पर दिन हालात बिगड़ते जा रहे हैं।

इस गांव में दूसरे गांव वाले नहीं देते है बेटियां !
इसी गाओ के और युवक ने बताया कि अब तो ऐसी नौबत आ गई कि दूसरे गांव के लोग जरुआ गांव से बेटियां को शादी कर ले कर तो चले जाते हैं, लेकिन दुसरे गांव के लोग अपनी बेटियों का नाता यहां नहीं जोड़ते।हम आपको बता दें कि आपपास के गांव वाले इस गांव के लड़कों को अपनी बेटियां देने को तैयार नहीं है ।इस वजह का कारण है,की यहां लोगों के दिन की शुरुआत पानी भरने से होती है और ढलती शाम तक पानी ही भरते रहते रह जाते हैं।यहां पर अगर गर्भवती महिला हो तो उसे भी कुंड में पानी भरने के लिए आना पड़ता है।सारे समस्या का जड़ है पानी का संकट।इस संकट के बारे में मीडिया ने यहां के सीईओ किया पूछ ताछ !

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यहां आने वाली फेल हो जाती है सारी योजना,
मीडिया रिर्पोट के अनुसार जनपद सीईओ मनीष बागरी ने बताया कि जरुआ गांव आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है।वहां की जमीन पथरीली होने के चलते बोरवेल में, हैंडपंप या अन्य कोई योजना बार-बार फेल हो जाती है।आ रही ग्रीष्म काल को लेकर जल निगम के अधिकारियों से बातचीत की गई है।इसे जल्द से जल्द समस्या के निदान के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।जल्दी ही इस समस्या को दूर कर दी जाएगी।

हम आशा करते हैं कि इस आर्टिकल में अजब-गजब जल संकट; पानी के संकट के कारण ,यहाँ के लड़कों कि नहीं हो पाती शादीयाँ।जानिए पूरा डीटेल में, के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी।अगर आप लोगो को अच्छा लगा तो अपने दोस्तों और सोशल मीडिया पर ज़रूर शेयर करे।और अपनी राय जरुर कमेंट करे।धन्यवाद🙏🏻

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